Top latest Five Shodashi Urban news
Wiki Article
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥
It absolutely was right here too, that The nice Shankaracharya himself mounted the impression of the stone Sri Yantra, perhaps the most sacred geometrical symbols of Shakti. It may nonetheless be considered today in the internal chamber from the temple.
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
She is commemorated by all gods, goddesses, and saints. In certain places, she's depicted sporting a tiger’s pores and skin, with a serpent wrapped close to her neck plus a trident in a single of her arms when the opposite retains a drum.
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन get more info स्पष्ट होता है।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
The worship of Tripura Sundari is often a journey towards self-realization, where her divine beauty serves for a beacon, guiding devotees to the final word truth of the matter.
ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।
बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥